इस अंक के रचनाकार
सम्पादकीय : बख्शी सृजनपीठ के पदाधिकारियों की मनमानी आखिर कब तक ...?( कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी बधाई के पात्र )
आलेख
आंसू के कथावस्तु : वीना शुक्ल
छत्तीसगढ़ बिहाव और लोकगीत : सुरेश सर्वेद
कहानी
डर : नरेश श्रीवास्तव
गमछा के छोर में बंधाये कानून : दादूलाल जोशी ' फरहद '
सुहाग चिन्ह : जसवन्त सिंह बिरदी
उजाले की नीयत : कुबेर
व्यंग्य
अपराधी आश्रम में कवि सम्मेलन : कांशीपुरी कुन्दन
लघुकथाएं
कलयुगी अमृत : आचार्य सरोज व्दिवेदी
जिम्मेदारी : भावसिंह हिरवानी
पूज्य पिताजी : विष्णु प्रभाकर
विषपान एवं अन्य लघुकथाएं : नूतन प्रसाद
बालकथा
पुरस्कार चतुराई का : सृष्टि शर्मा
गीत
जल है तो कल है : देवनारायण निषाद शिक्षक, मन फागुनी हे आज संगी : आनन्द तिवारी पौराणिक, थोकन बइठ ले : बिहारी साहू
ग़ज़ल
किया है वादा : महेन्द्र राठौर
कविता
केशर की क्यारी : लक्ष्मीनारायण, परिन्दों का अंतर्ज्ञान : विजयप्रताप सिंह, भ्रम : डॉ. बल्दाऊ निर्मलकर, तेरी दुनिया : जितेन्द्र कुमार ' सुकुमार '
पुस्तक समीक्षा
गीत निडर के गाता चल : प्रो. जी.सी. भारव्दाज
साहित्यिक - सांस्कृतिक गतिविधियां
उजाले की नीयत कहानी संग्रह पर समीक्षा गोष्ठी
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